
आरा (भोजपुर), 29 अगस्त 2025।

बिहार की राजनीति में इन दिनों सबसे चर्चित पहल बन चुकी है—‘वोटर अधिकार यात्रा’। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह यात्रा पूरे राज्य में लोगों को उनके मताधिकार के महत्व का संदेश दे रही है। इस ऐतिहासिक यात्रा का अगला पड़ाव है भोजपुर जिला मुख्यालय आरा, जहाँ यह कारवां 30 अगस्त 2025 को पहुँचेगा।
यात्रा का उद्देश्य
‘वोटर अधिकार यात्रा’ केवल राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि जनता से सीधा संवाद का माध्यम बन चुकी है। इसका मकसद है कि लोग यह समझें कि उनके वोट की ताक़त ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। नेताओं का कहना है कि जब जनता संगठित होकर मतदान करती है, तो वह सरकारों और नीतियों को बदलने की ताक़त रखती है।
“लोकतंत्र जनता की आवाज़ से चलता है। आपका वोट ही देश का भविष्य तय करता है।”
तेजस्वी यादव भी युवाओं और किसानों को खास तौर पर जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे लगातार कह रहे हैं कि बदलाव की शुरुआत गाँव और कस्बों से होती है।
आरा का महत्व क्यों?
आरा (भोजपुर) बिहार के उन जिलों में गिना जाता है जहाँ जनता हमेशा राजनीतिक रूप से सक्रिय रही है।
- स्वतंत्रता संग्राम में वीर वीर कुंवर सिंह की धरती होने के कारण आरा का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।
- जेपी आंदोलन और 1970 के दशक की राजनीति में भोजपुर ने कई नेताओं को जन्म दिया।
- यहाँ की जनता सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रही है, और यही कारण है कि हर पार्टी आरा को अपनी शक्ति प्रदर्शन की जगह मानती है।
इस बार जब राहुल और तेजस्वी यहाँ पहुँचेंगे, तो उन्हें न केवल एक जनसभा करनी है, बल्कि जनता के मन को समझने और जोड़ने का मौका भी मिलेगा।
इस यात्रा में सिर्फ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही नहीं, बल्कि कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेता भी अलग-अलग पड़ावों पर शामिल हो रहे हैं| स्थानीय कांग्रेस और राजद के कार्यकर्ता पहले से तैयारी में जुटे हैं। भोजपुर और शाहाबाद क्षेत्र के कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि आरा में इस यात्रा का स्वागत “ऐतिहासिक” होगा।
यात्रा का उद्देश्य है कि लोगों को उनके वोट की ताक़त और लोकतंत्र में उसकी भूमिका का अहसास कराया जाए। नेताओं का कहना है कि अगर जनता अपने अधिकार का सही इस्तेमाल करे, तो समाज और राजनीति में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
30 अगस्त को आरा आगमन के दौरान दोनों नेता सड़क जुलूस निकालेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। उम्मीद है कि बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और किसानों की भागीदारी होगी। स्थानीय कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि आरा में इस यात्रा का स्वागत ऐतिहासिक होने वाला है।