
भोजपुर जिले में बकाया मामलों पर प्रशासन सख्त, 17 पर जारी हुआ बॉडी वारंट
भोजपुर जिले में वर्षों से लंबित सरकारी बकाया वसूली को लेकर प्रशासन ने अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष के.के. पाठक की सख्ती के बाद प्रशासन ने बकायेदारों और नीलामी संबंधी मामलों में तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। श्री पाठक ने जिले के सभी नीलामवाद अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे पुराने मामलों की शीघ्र समीक्षा कर निष्पादन सुनिश्चित करें।
जिले में तेज़ी से बढ़ी कार्रवाई की रफ्तार
इन निर्देशों के बाद भोजपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गया है। वर्षों से अटकी पड़ी फाइलों की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों को तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की इस विशेष पहल का असर साफ दिखने लगा है।
बकायेदारों पर कार्रवाई, 17 के खिलाफ वारंट
अब तक पंचायती राज विभाग से संबंधित कुल 17 मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए बॉडी वारंट जारी कर दिए गए हैं। ये वारंट पुलिस अधीक्षक को भेजे जा चुके हैं, जिनके आधार पर संबंधित थानों को गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश मिला है। सबसे अधिक 10 वारंट बिहिया थाना क्षेत्र से हैं, जबकि आरा नगर, कोईलवर, नवादा, उदवंतनगर और सिकरहट्टा के बकायेदार भी इसमें शामिल हैं।
इन मामलों में अधिकतर बकाया राशि 2016-17 से अब तक की है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े कर्ज प्रमुख हैं।
बकायेदारों की सूची
नीलामी प्रक्रिया के तहत जिन व्यक्तियों पर वारंट जारी हुआ है, उनमें शामिल हैं:
- बिहिया थाना: संजय कुमार ओझा, रंजीत कुमार ओझा, कमल ओझा, सूर्य कुमार यादव, मनोज कुमार ओझा, शिवकुमार ओझा, विश्वनाथ सिंह, ओंकार नाथ पांडे
- अन्य क्षेत्र: सुनील कुमार सिंह (मानियआरा), शशि सिंह (मानियआरा), मुंद्रिका प्रसाद (मीरगंज), सुरेंद्र यादव (मोती टोला), रंजीत कुमार (नवादा), कुमार गौरव (कोईलवर), रविंद्र सिंह (कोईलवर), मुकेश राय (सिकरहट्टा), टुनटुन सिंह (उदवंतनगर)
यह कदम जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया की पहल के तहत उठाया गया है।
विशेष रणनीति और नियुक्तियाँ
जिले में लंबित करीब 15,000 मामलों को देखते हुए डीएम ने एक नई रणनीति बनाई है। उन्होंने 41 नीलामवाद पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, जिन्हें विभिन्न विभागों और बैंकों की जिम्मेदारी दी गई है। इससे मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया में उल्लेखनीय तेजी आई है। भोजपुर जिले में पहली बार इस पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।
आगामी योजना
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। सभी बकायेदारों की एक समग्र सूची तैयार की जा रही है, और प्रत्येक सप्ताह उसकी समीक्षा की जाएगी। इसके लिए जिले में एक नोडल सेल की स्थापना की जा रही है जो इस पूरी प्रक्रिया पर नज़र रखेगा और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाए रखेगा।