आरा में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से शहर की सड़कें साफ और चौड़ी होती दिखाई दे रही हैं।
ये बदलाव ज़रूरी भी थे — ट्रैफ़िक कम होगा, दुर्घटनाएँ घटेंगी और शहर की रफ्तार बढ़ेगी।
लेकिन…
इन्हीं सड़कों के किनारे अपनी रोज़ी-रोटी कमाने वाले कई गरीब परिवारों का छोटा-सा व्यापार भी टूट कर बिखर गया।
किसी की चाय की दुकान, किसी का फल-ठेला, किसी की छोटी सी shed… सब कुछ एक पल में उजड़ गया।
शहर को सुधारना ज़रूरी है — लेकिन शहर के लोगों को बचाकर सुधारना उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है।
आज आरा को एक संतुलित योजना की जरूरत है—
जहाँ विकास भी हो, सड़कें भी चौड़ी हों,
लेकिन साथ ही उन परिवारों को एक वैकल्पिक सुरक्षित जगह भी मिले,
ताकि उनका भविष्य अंधेरे में न जाए।
हमारी अपील:
विकास ऐसा हो जिसमें किसी की रोटी न छिन जाए।
योजनाएँ ऐसी हों जिसमें प्रशासन और जनता दोनों की जीत हो।
आरा सुंदर भी बने… और आरा के लोग सुरक्षित भी रहें।
Voice of Ara — आपकी आवाज़, आरा का सच।



